Famous Indian Temples : भारत के यह मंदिर अपने अनोखे रहस्यों के कारण हो गए प्रसिद्ध

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Famous Indian Temples : भारत के यह मंदिर अपने अनोखे रहस्यों के कारण हो गए प्रसिद्ध

 


 Famous Indian Temples : हमारे भारत देश में बहुत से ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनके बारे में विचित्र बातें सुनने को मिलती है जो किसी रहस्य के समान प्रतीत होती है जो भक्तो के लिए एक दैविय चमत्कार का रुप होता है । देश-दुनिया के लोग इसी श्रद्धा व विश्वाश के कारण इन रहस्यमय मंदिरो में आकर दर्शन करते हैं और देवी-देवताओ से आशिर्वाद लेते हैं और मंदिरो के अनोखी बातें सुन और देखकर आनंदमय होते हैं ।

Famous Indian Temples


देश में इन मंदिरो की अपनी-अपनी प्राचीन कथाएं है जो बहुत ही अलौकिक और चमत्कारिक हैं । कुछ मंदिरो की विचित्र बातो को वहां के स्थानिय लोग दैविय चमत्कार बताते हैं तथा कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जिनकी अपनी प्राचिन पौराणिक कथाएं हैं , जहां पर जाने पर प्रत्यछ चमत्कार देखने को मिलता है और यहां के लोगो से अजब-गजब और अनोखी मजेदार जानकारी सुनने को मिलती है ।


जिस प्रकार इंडोनेशिया का प्राचीन शिव मंदिर , जहां श्राप से राजकुमारी मूर्ती बन गई यह भी एक प्राचीन धार्मिक कथाएं हैं जिसको पढने के बाद यह पता चलता है कि इन कथाओं में कितनी अजीबो-गरीब जानकारी सुनने को मिलती है ।
अगर आप भी ऐसे ही मंदिरो के अजीबो-गरीब रहस्य के बारे में जानना चाहते है जो एक चमत्कारिक हो , जहां मंदिर के बारे में विचित्र बातें सुनने को मिलती है तो आप इस लेख के साथ बने रहिए 
हम भारत के प्रसिद्ध ऐसे अद्भूत मंदिर ( Famous Indian Temples ) के बारे में आपको जानकारी देंगे , जिनके चमत्कार और रहस्य के बारे में सुनकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे ।

प्रसिद्ध भारतीय मंदिर ( Famous Indian Temples )

स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर, गुजरात 

स्तम्भेश्वर महादेव मंदिर, गुजरात
Image Credit - hindirush.com

गुजरात में " गायब होने वाला मंदिर " के नाम से विख्यात स्तम्भेश्वर महादेव का मंदिर अद्भूत और रहस्यमय है । शिव के इस मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि प्रतिदीन सुबह-शाम खुद समुंद्र , भगवान शिव का जल अभिषेक करते हैं उस समय मंदिर अदृश्य हो जाता है यानी गायब हो जाता है । इसी चमत्कारिक दृश्यों को देखने के लिए देश और विदेश से बहुत लोग आते हैं और मंदिर के इस अद्भूत नजारे को देखकर शिव का चमत्कार मानते हैं ।
इस मंदिर के चमत्कारिक होने की एक और पहलू सामने आती है जो प्राकृतिक है । इसका कारण यह है कि जब समुंद्र में जल के स्तर में वृद्धी होती है तब यह पुरा मंदिर जल के अंदर चला जाता है यानि गायब हो जाता है उस समय मंदिर को देखने पर मंदिर का कोई भी हिस्सा नजर नही आता है चारो ओर केवल पानी ही पानी नजर आता है ।

जब जल के स्तर में कमी होती है तो मंदिर पुन: दिखाई देने लगता है और जोर-जोर से शिव का जय जयकारा लगने लगता है । आपको बता दे कि यह घटना सुबह व शाम को दिन में दो बार होती है ।
पौराणिक कथाओं में इस मंदिर के बारे में यह कहा गया है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं शिव पुत्र कार्तिकेय ने अपने तपोबल से किया था जो आज भी एक प्रसिद्ध धर्मस्थली के रुप में जाना जाता है लोगो की इस मंदिर में बहुत ही आस्था है और वे इस तीर्थ स्थल पर आकर महादेव के दर्शन कर अपने आप को धन्य समझते हैं ।

करणी माता मंदिर , बीकानेर 

करणी माता मंदिर , बीकानेर
Image Credit - Wikimedia Common

चूहों के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध करणी माता का मंदिर राजस्थान के बीकानेर में स्थित है जिसका निर्माण बिकानेर के राजा गंगा सिंह ने कराया था । यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए तीर्थ-स्थल के साथ-साथ पौराणिक कथाओं और रहस्यों के लिए जाना जाता है जो वहां साक्षात  देखने को मिलता है । कहा जाता है कि इस देवी मंदिर में बीस हजार चूहों का वाश है जो मंदिर के सभी स्थानो पर फैले हुए हैं जिन्हे यहां पर " काबा " कहा जाता है ।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है यह सभी चूहे माता करणी की संतान हैं जो माता करणी को अपने पुत्र के मृत्यु के पश्चात यमराज से विनती के फलस्वरुप मिला था ।

यह प्राचीन मंदिर इन चूहों के लिए ही दुनिया में प्रचलित है । लाखों लोग इस मंदिर के रहस्य को जानने के लिए हर वर्ष आते हैं कि आखिर इन बीस हजार चूहों का रहस्य क्या है ।
मंदिर में भक्त जब माता के दर्शन करने जाते हैं तो अपने पैरो को घसीटते हुए सावधानी पूर्वक जाते हैं इसलिए कि कोई चूहा पैर के नीचे दब ना जाए , अगर ऐसा हो जाता है तो यह अशुभ  या पाप माना जाता है जिसकी दोष निवारण के लिए एक सोने का चूहा बनवाकर मंदिर में रखना पड़ता है तभी चूहो के पाप से मुक्ती मिलती है । अगर कोई चूहा श्रद्धालू के पैर पर चढ जाता है तो यह शुभ संकेत माना जाता है और यदि सफेद चूहा किसी के पैर पर चढ गया तो यह सबसे शुभ बात मानी जाती है इसके उपरांत भक्त की सारी मनोकामनाए पूर्ण भी होती है ।

किराडू मंदिर , राजस्‍थान

किराडू मंदिर , राजस्‍थान
Image Credit - Wikimedia Common


भारत में बहुत से ऐसे मंदिर हैं जो अपनी रहस्यों और पौराणिक कथाओं के कारण प्रसिद्ध है । ऐसे ही राजस्थान के बाड़मेर जिले में किराडू मंदिर है जिसकी कथाएं बहुत ही अजीब है । बाड़मेर का मंदिर एक ऐसा मंदिर है जहां पर लोग सूर्य अस्त होने के बाद नही जाते है अर्थात , सूर्यास्त के बाद इस मंदिर में प्रवेश वर्जित है । यदि कोई व्यक्ती सूर्मंय अस्दित के बाद मंदिर मे प्रवेश करता है तो उसके साथ कुछ अनहोनी होने की संभावना होती है या शायद वह इंसान कभी उस मंदिर से वापस न आ सके , ऐसा यहां के स्थानिय लोगो द्वारा बताया जाता है किसूर्यास्त के बाद लोग क्यों इस मंदिर में नही जाते हैं इसके पीछे एक लोक कथा प्रचलित है ।
कहा जाता हैं कि एक बार एक तपश्वी साधु अपने शिष्यो के साथ इस जगह पर आए थे जो यहां पर कुछ दिन ठहरने के बाद उनकी इच्छा और भी जगहो पर भ्रमण करने की हुई ।
महात्मा ने अपने शिष्यों को उसी गांव में छोड़कर देश-भ्रमण पर निकल पड़े , बहुत दिन बीत गया और तभी अचानक उन शिष्य में से एक बीमार पड़ गया जिसकी देखभाल व उपचार गांव वालो में से कोई नही किया जिस कारण शिष्य की तबियत और भी खराब हो गई  ।
हलॉकि गांव की एक कुम्हारिन महिला जो बहुत वृद्ध थी उसने शिष्यो की मदद की थी ।

संयोगवश तभी साधु महाराज देश भ्रमण कर उस गांव में लौटे जहां पर वह अपने शिष्य को छोड़ कर गए थे । जब उन्होने अपने शिष्य की ये हालत देखी तो वे स्तब्ध रह गए और उन्होने सोचा कि गांव वाले इतना कठोर हो गए हैं जो एक बिमार इंसान की देखभाल नही किए , लगता हैं यहां के लोगो का दिल पत्थर हो गया है और सभी लोग वैसे ही हो गए हैं । इसी क्रोध के कारण साधु ने गांव वालो को श्राप दिए कि जो भी इस जगह पर सूर्यास्त के बाद आएगा वह पत्थर की मूर्ती बन जाएगा ।
जिस कारण बहुत से लोग यहां पर पाषाण बन गए  लेकिन एक स्त्री जो कुम्हारिन थी उनकी सहायता की थी उनको साधु ने सूर्य अस्त से पूर्व जगह को छोड़ने के लिए कहा था और यह भी बोले थे कि , जाते समय पीछे मुड़कर मत देखना लेकिन , जाते समय स्त्री ने साधु की बातों की जांच-परख के लिए पीछे मुड़कर देख लिया जिस कारण वह भी पाषाण बन गई । इसी कारण लोग इस जगह पर सूर्य अस्त होने पर नही जाते हैं ।

काल भैरव मंदिर , उज्जैन

काल भैरव मंदिर , उज्जैन
Image Credit - Wikimedia Common

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित प्राचीन काल भैरव मंदिर अपने रहस्यों के कारण दुनिया में प्रसिद्ध है । कहा जाता है कि यहां पर काल भैरव को भोग के रुप में प्रतिदीन शराब/मदिर का चढावा चढाया जाता है जिसको काल भैरव ग्रहण भी करते है और वही चढाया हुआ शराब को लोग प्रसाद के रुप में ग्रहण भी करते हैं । जिससे शरीर के सभी रोग , दुख , पाप आदि से छुटकारा मिलता है यहां पर सभी ब्रांड की शराब मिल जाती है तथा मंदिर के आस-पास बहुत सी वाइन शॉप देखने को मिलेंगी , जो प्रशाशन की अनुमती से ही चलती है ।
काल भैरव मंदिर का रहस्य आज भी एक पहेली बना हुआ है , क्योंकि जो शराब भगवान को चढाई जाती है और काल भैरव उस शराब को पी लेते हैं और किसी को यह पता नही की वह शराब गई कहां पर है अर्थात वह अदृश्य हो जाती है ।

क्या काल भैरव सचमुच शराब को ग्रहण कर लेते हैं या शराब कही और चली जाती है इसका अभी तक स्पष्ट पता नही चल सका है ।
हलॉकि पूरातत्व विभाग की टीम ने इस पर बहुत से शोध किए लेकिन, उनको भी यह पता नही चल सका की शराब कहां जाती है ।
इसलिए यहां के पुजारी और श्रद्धालु काल भैरव का चमत्कार मानते हैं लोगो की इस मंदिर से सच्ची आस्था जुड़ी हुई है और लोगो की ऐसी मान्यता है की काल भैरव इस क्षेत्र की रक्षा करते हैं ।
मंदिर के पास ही में एक ओखलेश्वर श्मशान है जहां पर तंत्र-क्रियाएं चलती है पुरे देश-दुनिया से यहा पर बहुत तांत्रिक आते हैं और तांत्रिक साधना करते हैं ।

नागराज मंदिर , मन्नारशाला

नागराज मंदिर , मन्नारशाला
Image Credit - Keralatourism.org

सांपो की कहानी भी अजीब होती है जिनके बारे में हम कई लोक कथाओं से सुनते आ रहें है पौराणिक कथाओं में तो इंसान और सर्प का गहरा रिश्ता भी बताया गया है । भगवान भोले नाथ के गले को सुशोभित करने वाले सर्प को लोग बड़ी आस्था और सम्मान के साथ पुजते हैं । भारत में सांपो के कई प्रसिद्ध मंदिर ( Famous Indian Temples ) भी है जहां लोग नाग देवता के दर्शन के लिए जाते हैं । ऐसे ही केरल के मन्नारशाला में एक प्राचीन नागराज मंदिर है जो रहस्यो से भरा है जिसकी बहुत सी पौराणिक कथाएं सुनने को मिलती हैं ।

पौराणिक कथनों के अनुसार यह कहा जाता है कि इस नागदेवता के मंदिर का संबंध महाभारत काल के समय से है । जब खांडवा वन प्रदेश आग में जला दिया गया तो वहां पर रहने वाले सभी सर्प और अन्य जानवरो ने मन्नारशाला में शरण ली थी । जहां पर यहां कि नम्बूदिरी खानदान के उपर नाग देवता की असीम कृपा है बताया जाता है कि नम्बूदिरी घराने की एक स्त्री नि:संतान थी वह नाग देवता की पुजा कर वरदान स्वरुप एक दिव्य पांच मुख वाले नाग राज व एक बालक की प्राप्ती की थी , ऐसा कहा जाता है कि उसी पांच मुख वाले नागराज की मूर्ती मंदिर में विराजमान है जिसकी मुख्य स्थान की पुजा-पाठ इसी खानदान की बहु ही करती हैं ।
इस मंदिर से जुड़ी हुई एक मान्यता है कि जो भी नि: संतान स्त्री मंदिर से सटे हुए बावड़ी में स्नान कर नाग-देवता की पूजा करती है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है ।

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अंतिम शब्द -


हमारे देश में बहुत से ऐसे हिंदु मंदिर है जहां दैविय चमत्कार देखा और सुना जाता है । तथा वहां पर बहुत सी ऐसी अविश्वसनीय घटनाएं तथा आश्चर्यचकित करने वाले चमत्कारिक दृश्यो को देखा जा सकता है , जिसके बारे में बहुत से शोधकर्ताओ ने शोध भी किया , लेकिन स्पष्ट प्रमाण नही मिल सका है जो अभी भी रहस्य बना हुआ है
आज के पोस्ट में आपने Famous Indian Temples : भारत के 5 प्रसिद्ध आश्चर्यजनक व रहस्यमय मंदिर के बारे में पढा । मुझे उम्मीद है कि यह पोस्ट आप सभी को पढकर अच्छा लगा होगा । धन्यवाद






















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